उत्तराखंड

आज गैरसैंण में स्वाभिमान रैली संपन्न। हजारों लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया। क्या है समिति की आगे की रणनीति?

गैरसैंण गैर किलै, पहाड़ की राजधानी भैर किलै

गैरसैंण। आज गैरसैंण में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले स्वाभिमान महारैली में हजारों लोग सम्मिलित हुए। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि राज्य बनने के 24 साल बाद भी सत्ताधारी पार्टियों द्वारा उत्तराखंड की जनता को उनके अधिकार से वंचित रखा गया। यहां के जल, जंगल, संसाधनों और रोजगार पर आज दूसरे प्रदेश के लोगों का कब्जा हो गया है, अब समय आ गया है कि राज्य की जनता मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून और स्थाई राजधानी गैरसैंण के लिए एकजुट हो ।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए समिति के सहसंयोजक लुशून टोडरिया ने कहा कि गैरसैंण में जुटे हजारों लोगों ने बता दिया है, कि अगर उत्तराखंड में मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून और स्थाई राजधानी गैरसैंण नही बनती तो उत्तराखंड की जनता सड़कों पर उतरकर सत्ता के विरोध में सड़कों पर उतरेगी। लुशून ने कहा भाजपा और कांग्रेस बताएं आजतक उन्होंने मूल निवास, भू कानून और गैरसैंण राजधानी की बात सदन में क्यों नहीं उठाई।

वक्ताओं ने मूल निवास भू कानून और राजधानी गैरसैंण के महत्व पर विस्तृत रूप से विचार व्यक्त किए। महारैली को संबोधित करने वालों में गैरसैंण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, गैरसैंण संयोजक जसवंत बिष्ट, बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बोबी पंवार, समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी, समिति के कुमाऊं संयोजक राकेश बिष्ट, पहाड़ी स्वाभिमान सेना के पंकज उनियाल, मेहलचौरी व्यापार सभा अध्यक्ष मोहन सिंह नेगी, गैरसैंण व्यापार सभा अध्यक्ष सुरेंद्र बिष्ट, अनोदलंकारी हरेंद्र कंडारी, गैरसैंण के युवा नेता दान सिंह, युवा नेता मोहन भंडारी आदि ने संबोधित किया । महारैली में गैरसैंण महिला सशक्तिकर, महिला मंगल दल, गौरव सेनानी, उत्तराखंड अनोदलंकारी संगठन, उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन, उत्तराखंड समानता पार्टी, टैक्सी यूनियन, पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति, प्राउड पहाड़ी सोसायटी, मल्ला ग्वाड फ्रेंड्स क्लब, माध्यमिक अथिति शिक्षक संघ, राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी, व्यापार सभा गैरसैंण, व्यापार सभा मेहलचौरी, व्यापार सभा मायथान, हिमालयन क्रांति पार्टी, श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी जन कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में भागीदारी निभाई । मंच संचालन प्रांजल नौडियाल ने किया।

आगे की रणनीति

गैरसैंण मे हुई रैली के बाद मूल निवास आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए जल्द ही अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। डिमरी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से समिति विभिन्न कार्यक्रम करेगी, जिसके तहत गांव-गांव जाने से लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं से संवाद किया जाएगा। इस बाबत जल्द ही कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा। .

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ये हैं प्रमुख मांगें

– मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू की जाए।

– प्रदेश में ठोस भू-कानून लागू हो।

– गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए

– प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।

– शहरी क्षेत्रों में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।

– गैर कृषक द्वारा कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।

– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।

– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।

– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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