उत्तराखंड

गैरसैंण स्वाभिमान रैली में राजनीतिक झंडे और बैनर नहीं रहेंगे

विभिन्न संगठनों के साथ बैठक के बाद मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने लिया निर्णय

01 सितम्बर को गैरसैंण में होगी स्वाभिमान महारैली

गैरसैंण। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की विभिन्न संगठनों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 01 सितंबर को गैरसैंण में होने वाली स्वाभिमान महारैली में राजनीतिक दलों के बैनर-झंडों पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। समिति की ओर से सभी राजनीतिक दलों से कहा गया है कि महारैली में आम जनता की तरह समर्थन में आएं।

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि व्यापार सभाओं, महिला मंगल दलों, राज्य आंदोलनकारी संगठन, छात्र संगठनों, पंचायत जनप्रतिनिधि संगठन, पूर्व सैनिक संगठन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि महारैली में राजनीतिक दलों के झंडों और बैनरों पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। कोई भी राजनैतिक पार्टी इस निर्णय का उल्लंघन करता है तो इसकी जिम्मेदारी स्वयं उस पार्टी की होगी।

मोहित डिमरी ने कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल का आंदोलन नहीं है, यह जन आंदोलन है। महिलाओं, युवाओं और पूर्व सैनिकों का आंदोलन है। हमारी पहचान, संस्कृति, संसाधन और भावी पीढ़ी का भविष्य बचाने का आंदोलन है। कुछ विघटनकारी ताकतें इस आंदोलन को कमजोर करने की साज़िश कर रही हैं। तमाम तरह के षड्यंत्र कर जनता के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है। उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। जनता जानती है कि आंदोलन कर रहे लोग किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखते हैं।

उन्होंने कहा कि आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों का स्वागत है। राजनीतिक दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन में भागीदारी निभानी चाहिए। भाजपा, कांग्रेस और यूकेडी का कोई बड़ा नेता महारैली में आता है तो उसे जनता के तीखें सवालों का भी जवाब देना होगा।  जनता उनसे सवाल जरूर करेगी कि 24 वर्षो में आपने मूल निवास, भू-कानून और स्थायी राजधानी गैरसैंण जैसे गंभीर विषयों पर क्या किया और इतने सालों तक जनता को क्यों बेवकूफ बनाया गया ?

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्वाभिमान महारैली रामलीला परिसर मुख्य बाजार गैरसैंण से शुरू होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए वापस रामलीला परिसर में समाप्त होगी। उन्होंने आम जनता से 01 सितंबर को भारी से भारी संख्या में गैरसैंण पहुँचने का आह्वान किया है।

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