शारदीय नवरात्र के अवसर पर परमार्थ निकेतन में श्रीरामचरित्र मानस नवाह्नपारायण पाठ
भक्ति और पराक्रम का अनुपम संगम रामभक्त हनुमान*
*स्वामी चिदानन्द सरस्वती*
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में नवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित श्रीरामचरित्र मानस का नवाह्नपारायण पाठ विशेष अनुष्ठान के पांचवे दिन परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और आशीर्वाद का सौभाग्य सभी श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हनुमान जी के दिव्य चरित्र का वर्णन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने हनुमान जी का प्रभु श्री राम के प्रति प्रेमए दिव्य शक्ति और भक्ति का उत्कृष्ट वर्णन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हनुमान जी का चरित्र हमें न केवल भक्ति और सेवा का मार्ग दिखाता हैए बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि सच्ची भक्ति में कितनी शक्ति होती है। उन्होंने हनुमान जी के जीवन के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे हनुमान जी ने अपनी भक्ति और समर्पण से असंभव को संभव कर दिखाया। बचपन में ही हनुमान जी ने अपनी अद्वितीय शक्तियों का प्रदर्शन किया। लंका दहनए सीता माता की खोजए संजीवनी बूटी जैसे अनेक चमत्कार किये। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ उनकी भक्ति में किया जाता हैए जिससे मन को शांति और शक्ति मिलती है। हनुमान जी का चरित्र हमें सिखाता है कि सच्ची भक्तिए निस्वार्थ सेवा और दृढ़ संकल्प से हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी का चरित्र हमें यह सिखाता है कि जब हम अपने जीवन में किसी भी कार्य को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करते हैंए तो हमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने हनुमान जी के प्रभु श्री राम के प्रति अटूट प्रेम और भक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि हनुमान जी ने अपने जीवन को प्रभु श्री राम की सेवा में समर्पित कर दिया और यही कारण है कि वे आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं और आगे भी रहेंगे।
उन्होंने हनुमान जी के चरित्र से प्रेरणा लेने और अपने जीवन में भक्तिए सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुये कहा कि सच्ची भक्ति में अद्भुत शक्ति होती है जिससे हम अपने जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस विशेष अनुष्ठान के साथ ही नवरात्रि के अवसर पर परमार्थ निकेतन में विशेष पूजा.अर्चना और भजन.कीर्तन का आयोजन प्रतिदिन किया जा रहा है जिसमें सभी भक्त उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
सुन्दर कांड मित्र मंडलए भिवंडी के सदस्यों ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद और प्रेरणादायक उद्बोधनों से जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है और परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में रहकर आत्मिक शांति और संतोष की दिव्य अनुभूति हो रही है।