उत्तराखंड

28 जनवरी। हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली। दो सौ से अधिक संगठन और हजारों लोग जुटेंगे।

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड के मूल निवासी स्थाई निवास प्रमाण पत्र को समाप्त कर मूल निवास प्रमाण पत्र लागू करने के लिए लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इसी मांग को लेकर मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। इसी क्रम में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर  28 जनवरी को हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन होना है। महारैली की तैयारियों और रूपरेखा को लेकर संघर्ष समिति ने पत्रकार वार्ता की, जिसमें विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

नगर के संकल्प बैंक्वेट हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि देहरादून के बाद हल्द्वानी में 28 जनवरी को मूल निवास स्वाभिमान महारैली होगी। महारैली ऐतिहासिक रहेगी। समिति को दो सौ से अधिक संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है। महारैली की तैयारी पूरी हो चुकी हैं। 28 जनवरी को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में लोग जुटेंगे और यहां से पर्वतीय उत्थान मंच हीरानगर तक रैली निकलेगी। महारैली में दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, यूपी, राजस्थान, सहित उत्तराखंड के कोने-कोने से लोग आयेंगे। लोग अपने अस्तित्व, अस्मिता, संसाधन, रोजगार, जमीन और भावी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस आन्दोलन में शामिल हो रहे हैं।   उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों और रोजगार पर दूसरे प्रदेशों के लोग कब्जा कर रहे हैं, उसके खिलाफ अब राज्य की जनता एकजुट हो रही है। राज्य के अलग अलग जिलों में हो रहे प्रदर्शन से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि अब यह आंदोलन जनांदोलन बन चुका है।

समन्वय सँघर्ष समिति के सह संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा है कि इस राज्य में वर्तमान में ई रिक्शा घोटाला, मूल निवासियों पर हो रहे अत्याचार का सबसे बड़ा उदाहरण है सहकारी बैंक ने स्थायी निवास प्रमाण पत्र देखे बिना आधार कार्ड पर ही बाहरी राज्य के लोगों को लोन बांट दिए। अगर जनता अभी भी एकजुट नहीं हुई तो आंदोलन से बने इस राज्य में मूल निवासियों का अस्तित्व पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।

वंदे मातरम के अध्यक्ष शैलेन्द्र दानू और पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत और उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि 28 जनवरी को  बुद्ध पार्क में जनता एकत्रित होगी, उसके पश्चात रैली पार्क से निकल कर गोल्ज्यू मंदिर, पर्वतीय उत्थान मंच हीरानगर तक प्रस्थान करेगी। जहां पर जनसभा के पश्चात जनता गोल्ज्यू देवता से अपने अधिकारों के लिए न्याय की प्रार्थना करेगी।

संघर्ष समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल, उत्तराखण्ड क्रांति दल के महामंत्री सुशील उनियाल, स्वराज हिन्द फौज के अध्यक्ष सुशील भट्ट, व्यापार मंडल के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष सौरभ भट्ट ने कहा है कि यह आंदोलन अब राज्य आंदोलन की तरह आगे बढ़ रहा है। भर्तियों से लेकर जमीनों में जो बाहरी लोगों का कब्ज़ा हो रहा है, उसके खिलाफ अब इस राज्य में आंदोलन से ही बदलाव होगा। इन 23 वर्षों में राज्य के मूल निवासियों के साथ जो अन्याय हुआ है, अब उस अन्याय के खिलाफ जनता बिगुल बजा चुकी है। यह एक शुरुआत भर है और जब तक राज्य के मूल निवासियों को अपने अधिकार नही मिल जाते, तब तक यह आंदोलन निरन्तर चलता रहेगा।

प्रेस वार्ता में समाजिक कार्यकर्ता चारु तिवारी, यूकेडी जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्र भट्ट, राज्य आंदोलनकारी विजया ध्यानी, देवी शर्मा, आंदोलनकारी काजल खत्री, भावना मेहरा, स्वराज हिन्द फौज के सुरेश कपिल, आरएलडी के जिलाध्यक्ष मोहन कांडपाल, युवा कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विशाल भोजक, आरम्भ संगठन के अध्यक्ष राहुल पंत, कौशल पाठक, अक्षत पाठक, उत्तराखण्ड एकता मंच के पीयूष जोशी, युवा एकता मंच से तेजेश्वर घुगुतियाल आदि उपस्थित थे।

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