उत्तराखंड

प्रदेश की जनता से माफी मांगे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष। 4 फरवरी त्रिवेणीघाट ऋषिकेश में खुली बहस के लिए किया आमंत्रित ।

देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा मूल निवास और सशक्त भू कानून की मांग करने वाले आंदोलनकारियों को माओवादी कहे जाने पर, उनके इस बयान की मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने कड़ी निंदा की है। समिति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है।

देहरादून में शहीद स्मारक में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मूल निवास और भू कानून के लिए लड़ रहे लाखों मूल निवासियों का अपमान किया है। राज्य आंदोलन के दौरान भी इनकी ही पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने यहां की जनता को अलगाववादी कहा था। भाजपा का चरित्र ही ऐसा है, जो भी अपने अधिकार के लिए लड़ता है, उसे वह उग्रवादी, माओवादी और अलगाववादी कहना शुरू कर देते हैं। आज राष्ट्रीय पार्टियों की जन विरोधी नीतियो के कारण उत्तराखंड की जमीनों पर बाहरी माफियाओं का कब्जा हो रहा है। यहां के सभी संसाधन बाहर के लोग लूट रहे हैं।

उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बहस के लिए चुनौती देते हुए कहा कि 4 फरवरी को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में बहस करने के लिए आमंत्रित किया है। मोहित डिमरी ने कहा कि उनके अंदर साहस है तो वह ऋषिकेश पहुँचकर जनता को बताएं कि उन्होंने माओवादी क्यों कहा?  वह जनता को सार्वजनिक मंच  पर बताएं कि मूल निवास भू कानून को लेकर उनकी सोच क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि मूल निवास और सशक्त भू कानून को लेकर सरकार विशेष सत्र में कानून बनाए।

समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने गढ़गौरव नरेंद्र सिंह नेगी को पद्मश्री पुरस्कार न मिलने पर कहा कि अगर वह सरकार की गणेश परिक्रमा करते तो आज तक उन्हें कई पद्मश्री पुरस्कार मिल चुके होते। नेगीजी हमेशा से ही जनसरोकारों के पक्ष में खड़े रहे हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड के लाखों-करोड़ों लोग उनसे प्रेम करते हैं। उन्होंने सरकार के सामने कभी झुकना नहीं सीखा। जब-जब उत्तराखंड के लोगों के अधिकार कुचले गए, गढ़गौरव मुखरता के साथ सामने आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पद्मश्री पुरस्कार के लिए सरकार की चरणवंदना करते हैं। कुछ लोगों को चरणवंदना करने के बाद पुरस्कार मिला भी है। लेकिन उन्होंने कभी उत्तराखंड के जनसरोकारों की बात नहीं की। प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है। समय आने पर जनता ऎसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब देगी।

संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि  हल्द्वानी की ऐतिहासिक महारैली के बाद अब  11 फरवरी  को टिहरी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इससे पहले चार फरवरी को ऋषिकेश में भी एक कार्यक्रम के जरिये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बहस की खुली चुनौती दी गई है। समिति पूरे उत्तराखंड में स्वाभिमान महारैली आयोजित करेगी। पहले चरण में जिलेवार/ब्लॉक/तहसील स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे।

महिला मंच से निर्मला बिष्ट, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी क्रांति कुकरेती, समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल साया संगठन के संयोजक आशीष बिष्ट ने कहा कि सरकार लोक कलाकारों पर अनावश्यक दबाव बना रही है। उन्हें मूल निवास स्वाभिमान महारैली को लेकर आवाज़ न उठाने के लिए कहा जा रहा है। कुछ कलाकार सरकार के दबाव में हैं, लेकिन अधिकतर अपने अधिकार के लिए खुलकर बोल रहे हैं। कलाकार समझ चुके हैं कि जब मूल अधिकार मिलेंगे, तभी उत्तराखंड बचेगा और यहां की संस्कृति बचेगी।

राज्य आंदोलनकारी अम्बुज शर्मा, साया संगठन के अध्यक्ष सचिन खन्ना, पहाड़ी स्वाभिमान सेना से देवचन्द्र उत्तराखंडी, पंकज उनियाल, देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल, नेताजी संघर्ष समिति के प्रभात डंडरियाल ने कहा कि मूल निवास और मजबूत भू कानून के किए उत्तराखंड की जनता एक हो गई है। इसे बांटने वालों के इरादे कभी सफल नहीं होंगे। आज लाखों लोग मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *