पूर्व मंच निर्देशक स्व.अर्जुन सिंह रावत को श्रद्धांजलि के साथ रामलीला मंचन शुरू
द्वारीखाल। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी ग्राम उत्तिंडा में 16 अक्टूबर से रामलीला मंचन शुरू हो गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित संसाधनों में रामलीला का मंचन किया जाता है। गांव के लोग नाटक के रूप में नहीं बल्कि भगवान श्रीराम की आराधना के रूप में रामलीला का मंचन करते हैं।
इसी क्रम में ग्राम उत्तिंडा में 16 अक्टूबर से रामलीला का मंचन शुरु हुआ। सर्वप्रथम आदर्श रामलीला कमेटी के संरक्षक एवं पूर्व स्टेज डायरेक्टर स्व. अर्जुन रावत को श्रद्धांजलि दी गई, तत्पश्चात आरती के बाद श्रवण कुमार अपने वृद्ध एवं अंधे माता पिता को तीर्थयात्रा पर ले गए।
स्व. अर्जुन सिंह रावत को याद करते हुए रामलीला समिति के निर्देशक शिवसिंह ने कहा कि अर्जुन सिंह रावत हमारी रामलीला समिति की रीड थे। वे हम सबके प्रेरणा स्रोत रहे हैं, उन्होंने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए, आज से लगभग तीस वर्ष पहले अनेक रामायणों को मिलाकर अपने हाथ से रामायण लिखी। कोरोना काल में उसी रामायण को टाइप किया, फिर रामायण छपवाने के साथ पीडीएफ भी बनाया। हमारे गांव के सभी पात्रों के फोन में PDF उपलब्ध रहता है, जिसके कारण वे कहीं भी और कभी भी अभ्यास कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि स्व. अर्जुन सिंह रावत जैसे व्यक्ति दुनिया में गिने चुने होते हैं, जिनका जीवन समाज के लिए समर्पित होता है। हम लोग उनके द्वारा बताए मार्ग पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, जिस तरह से वे भगवान श्रीराम और गांव के प्रति समर्पित थे। हम सबको अपने सामाजिक कर्तव्य को निभाना चाहिए।
कल की लीला में अभिनय करने वाले कलाकार श्रवण कुमार नीरज बलूनी, दशरथ सुरेश बलूनी, कुंभकरण नितेश काला ( नयार घाटी ब्लॉग) विभीषण शुभम, शिव कुलदीप सिंह रावत, पार्वती पूरण सिंह, नारद शिव सिंह। “गढ़वाल की संस्कृति” फेसबुक पेज पर लाइव देखने वाले दर्शकों ने सभी कलाकारों के अभिनय की खूब सराहना की।