उत्तराखंड

भव्य शोभा यात्रा के साथ संस्कृत सप्ताह महोत्सव का समापन

संस्कृत पढ़ने से भौतिक ही नहीं आत्मिक उत्थान भी होता है

देहरादून। आज संस्कृत सप्ताह महोत्सव के अवसर प्रतिवर्ष की भांति संस्कृत शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। इसके साथ ही सप्ताह भर से चल रहे संस्कृत सप्ताह महोत्सव का विधिवत समापन हो गया।

साधारण जनमानस के मन में देववाणी संस्कृत भाषा के प्रति जागरुकता अभियान के अंतर्गत संस्कृत सप्ताह महोत्सव सम्पूर्ण देश में समाचरित संस्कृत कार्यक्रमों की संपूर्ति के अवसर पर देहरादून महानगर में लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय की ओर से देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा, प्रख्यात कथा वाचक आचार्य सुभाष जोशी, लक्ष्मणसंस्कृत विद्यालय के प्राचार्य एवं विद्वत सभा के संरक्षक डा. राम भूषण बिजल्वाण, शिव नाथ संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम प्रसाद थपलियाल, उत्तराखण्ड विद्वत सभा के अध्यक्ष आचार्य विजेंद्र ममगाईं, आचार्य हर्षपति गोदियाल पूर्व उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड विद्वत् सभा आचार्य भगवती प्रसाद थलियाल पूर्व सांस्कृतिक सचिव,आचार्य योगेश कुकरेती पूर्व कार्यकारणी उत्तराखण्ड पुरोहित,आचार्य धीरज मैठाणी सक्रिय कार्यकारणी उत्तराखंड विद्वत् सभा,आचार्य राधा कृष्ण वैदिक,आचार्य विकास नोडियाल,आचार्य भारत भूषण लखेड़ा, पुरोहित समाज के अध्यक्ष प्रेम बिंजोला, संस्कृत छात्र सेवा समिति के अध्यक्ष अभिषेक शर्मा , संस्कृत भारती उत्तराखंड के प्रांत मंत्री गौरव शास्त्री, यमकेश्वर से जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़, संस्कृत भारती जनपद मंत्री प्रदीप सेमवाल, विद्यालय प्रबंधक समिति के चंद्र मोहन सिंह पय्यारी, संस्कृत छात्र समिति के अध्यक्ष शिवम् अवस्थी सहित अन्य गण मान्य व्यक्तियों की सहभागिता से एम के पी इंटर कोलेज से रिस्पनापु स्थित होटल मीनाक्षी गार्डन तक संस्कृत शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभा यात्रा संयोजक आचार्य मनोज शर्मा, सहसंयोजक आचार्य नवीन भट्ट , आचार्य आशाराम मैठाणी के संयोजन से सम्पन्न हुई।

सम्पूर्ति सत्र में टपकेश्वर मंदिर के महंत 108 कृष्णागिरी महाराज ने संस्कृत पढ़ने के लिए छात्र वर्ग को प्रेरित करने की बात कही। गौरव शास्त्री ने कहा कि संस्कृत आदर्श जीवन हेतु प्रेरित करती है, संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जो हमे सबके कल्याण की कामना करना सिखाती है।

यात्रा के पुरोधा डा राम भूषण बिजल्वाण ने सभी समागतों का धन्यवाद ज्ञापित किया। तदुपरांत सभी ने भोजन ग्रहण कर परस्पर शुभकामनाएं व्यक्त की। विशेषतया विद्यालय से डा शैलेंद्र डंगवाल, डा मीनाक्षी कोठारी, डा प्रदीप सेमवाल, आनन्द जोशी, सहित अनेक विद्वज्जनों ने सहभागितया यह शोभा पूर्ण हुई। संस्कृत हमें लोक कल्याण के लिए आगे बढाती है, संस्कृत पढ़ने से भौतिक ही नहीं आत्मिक उत्थान भी होता है।

सहयोगी संस्थाओं में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड की एन.सी.सी./ छात्राएँ, सरस्वती विद्यामन्दिर इंटर कॉलेज सुमन नगर के एन.सी.सी./बैंड/ छात्राएँ, द्रोणस्थली आर्ष कन्या गुरुकुल राजपुर रोड, श्री गुरु राम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय, श्री शिवनाथ संस्कृत महाविद्यालय प्रीतम रोड, एम.के.पी. इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर देहरादून, सनातन धर्म इंटर कॉलेज बन्नू के एन.सी.सी./ छात्र/ छात्राएँ, डी.डी. कॉलेज नीम्बूवाला, गुरुनानक महिला इंटर कॉलेज रेसकोर्स इत्यादि के एन.सी.सी./ छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए।

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