उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी परमार्थ निकेतन गंगा आरती में हुई शामिल। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा नारी शक्ति का प्रशासनिक नेतृत्व लाएगा अभूतपूर्व परिवर्तन
ऋषिकेश। वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी, उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव नियुक्त होने के पश्चात पहली बार परमार्थ निकेतन आयी। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया तत्पश्चात परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।
उत्तराखंड का सौभाग्य है कि मुख्य सचिव के रूप में अद्भुत शक्ति राधा रतूड़ी और साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बहरी मिली। वास्तव में यह मातृशक्ति का दौर है, मातृ शक्ति के नेतृत्व में राज्य में विलक्षण परिवर्तन देखने को मिलेगा।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड जितना अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है उतना ही अपनी संस्कृति के लिए भी विख्यात है। इस दिव्यता और अनुपम सौन्दर्य से युक्त राज्य की अनूठी संस्कृति है। पारंपरिक संस्कार, अनुष्ठान, आस्था, विश्वास, लोकगीत, रीति-रिवाज, भाषा व आपसी सौहार्दपूर्ण और अद्भुत मैत्रीपूर्ण वातावरण है। पूरे पहाड़ को मातृशक्ति ने सम्भाल कर रखा है। पहाड़ पर मातृ शक्ति घर, परिवार, बच्चे-बड़े, खेती व पशुओं को वह पहाड़ की तरह ही बड़ा दिल रखकर सम्भालती है। वास्तव में उनके लिये सोचने, चिंतन करने और उनके जीवन को सरल व सहज बनाने के लिये कार्य करने की नितांत आवश्यकता है।
स्वामी जी ने श्रीमती राधा रतूड़ी जी से कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के इतिहास, धर्म, दर्शन, सभ्यता, संस्कृति, विकास, प्रकृति सौंदर्य के साथ-साथ पर्वतीय अंचल पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड अद्भुत कार्य कर रहा है। जी-20 के बाद तो उत्तराखंड की ख्याति विश्व मानचित्र में दूर-दूर तक फैली है परन्तु अब पहाड़ों पर फौलादी हिम्मत के साथ अकेले परिवार व बच्चों को सम्भाल रही उन शक्तियों का दर्द समझने की जरूरत है, जो एक नारी ही समझ सकती है।
स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड हिमालय से घिरा राज्य है, जो तीर्थों योग और आध्यात्म के लिये विश्व विख्यात है। साथ ही उत्तराखंड जिन बातों के लिए विख्यात है उन सभी में प्राकृतिक सौन्दर्य अंतर्निहित है। यहां पर हिमालय की जीवंतता, नदियों की पवित्रता, आध्यात्मिकता, पहाड़ों के मनमोहक दृश्य, वनस्पतियों और जीवों का सम्मोहक संसार यह सब असाधारण सौंदर्य का अनुभव प्रदान करने वाला है।
उत्तराखंड आज भी उन लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है जो आध्यात्मिक मुक्ति और जीवन के रहस्य जानना चाहते हैं। यहां कि पर्वतश्रंखलायें सिर्फ आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं हैं बल्कि यहां पर पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग या दुनिया के सबसे ऊंचे पहाडी इलाके में टहलने का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर करिश्माई सौंदर्य विद्यमान है जो पूरे विश्व से आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है परन्तु हमें सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री पर्यटन के प्रति संवेदनशील होना होगा क्योंकि प्लास्टिक हमारे पहाड़ों, जंगलों, नदियों और प्राणियों सभी के लिये खतरा है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी से उत्तराखंड के संवेदनशील मुद्दों पर अत्यंत ही सार्थक चर्चा हुई।
स्वामी जी ने राधा रतूड़ी जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।