उत्तराखंड

मावकोट कण्वाश्रम मार्ग का जीर्णोद्धार शीघ्र शुरू न हुआ तो 21 जून से मवाकोट चौराहे पर धरने पर बैठेंगे डॉक्टर शक्तिशैल कपरवाण। साथ ही मालन नदी के टूटे हुए पुल को बरसात से पहले तैयार किया जाने की मांग की

कोटद्वार। यूकेडी के नेता और संरक्षक डॉ. शक्ति शैल कपरवाण ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व राज्य वन्य जीव बोर्ड के अध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर मांग की है कि मानसून आने की संभावना को देखते हुए मवाकोट- कण्वाश्रम मोटर मार्ग का शीघ्र जीर्णोद्धार किया जाए। क्योंकि मानसून आने के बाद भावर ,कोटद्वार के नगर निगम क्षेत्र की जनता के लिए कोटद्वार आना जाना बंद हो जाएगा। मालिनी नदी स्थित टूटे पुल का निर्माण बहुत ही धीमी गति व लापरवाही से चल रहा है ,वह कब तक बन पाएगा कहा नहीं जा सकता। इसलिए तत्काल मवाकोट- कण्वाश्रम मोटर मार्ग का मरम्मत कार्य आरंभ किया जाए। डॉ कपरवाण ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि भावर क्षेत्र की जनता के लिए इस वैकल्पिक मार्ग का कार्यारंभ अविलंब नहीं किया गया तो वे स्वयं मवाकोट चौराह में 21 जून से धरने पर बैठेंगे ।

डॉक्टर कपरवाण ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि भावर क्षेत्र की जनता का एकमात्र बड़ा अस्पताल कोटद्वार में है, पुल के अभाव में स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर जनजीवन खतरे में पड़ जाएगा। बरसात में मालिनी नदी में बाढ़ आने पर छात्र छात्रों का स्कूल आना – जाना बंद हो जाएगा । इसके अतिरिक्त के भाबर क्षेत्र की जनता के अनेक प्रशासनिक, भूमि संबंधी ,न्याय व सामान्य विकास संबंधी संस्थान, कार्यालय कोटद्वार में हैं तथा पेयजल , विद्युत संबंधी मुख्य कार्यालय कोटद्वार में हैं । वर्षा ऋतु में पुल के अभाव में आम लोग इन सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।

आपात स्थिति को ध्यान में रखकर तत्काल मवाकोट- कण्वाश्रम मोटर मार्ग का जीर्णोद्धार हेतु कार्य आरम्भ किया जाय ताकि क्षेत्र की आम जनता को जीवन व विकास संबंधी सुविधाएं प्रदान हो सके। डॉ.कपरवाण ने अपने पत्र में मोटाढाक में मालिनी नदी स्थित पुल के शीघ्र निर्माण और चिल्लरखाल- लालढांग नेशनल हाइवे तथा पूर्व में स्वीकृत मवाकोट- कण्वघाटी (कलाल घाटी) मोटरमार्ग की स्वीकृति करने हेतु भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

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