चक्रव्यूह गीत नाटिका की शानदार प्रस्तुति
गढभूमि लोक संरक्षण समिति मुनि की रेती ढालवाला ऋषिकेश द्वारा गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 3 और 4 जनवरी को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आज के कार्यक्रम का विशेष आकर्षण महाभारत युद्ध का प्रमुख दृश्य चक्रव्यूह रचना रही। गुरु द्रोणाचार्य द्वारा चक्रव्यूह की रचना की गई। वीर अभिमन्यु ने प्रथम द्वार पर जयद्रथ को युद्ध में परास्त कर चक्रव्यूह के अंदर प्रवेश करके गुरु द्रोण, अंगराज कर्ण आदि महारथियों को परास्त कर चक्रव्यूह के सातवे द्वार में प्रवेश किया।
जब अभिमन्यु एक एक कर सभी योद्धाओं को हराकर आगे बढ़ रहे थे,वीर अभिमन्यु की वीरता को देखकर दर्शक भी जोश से ओत प्रोत हो गए, सर्द मौसम में भी गर्मी का अहसास होने लगा।
जब अभिमन्यु को कोई भी महारथी नहीं रोक पाया तो सात महारथियों ने एक साथ मिलकर अभिमन्यु को घेर लिया। महारथियों नेअभिमन्यु के अस्त्र शस्त्र काट दिए,तब अभिमन्यु रथ के पहिए से विरोधियों के वार रोकने लगा। घायल अभिमन्यु के हाथ में ढाल का काम कर रहे रथ का पहिया भी काट दिया गया,और क्रूरता के साथ अभिमन्यु का बढ़ कर दिया गया।
सात महारथियों के द्वारा छल एवं निर्दयता से अभिमन्यु का बध किया गया,जमीन पर गिर घायल अभिमन्यु पर अनगिनत प्रहार होते देखकर दर्शकों की आखें नाम हो गई।
चक्रव्यूह गीत नाटिका ने खूब वाहवाही बटोरी,कलाकारों के हाव भाव ,गायन एवं मधुर संगीत की दर्शकों ने खूब सराहना की।