उत्तराखंड

शंकराचार्य को सोशल मीडिया पर बदनाम करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की मांग

शंकराचार्य जी अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे

विधिक कार्रवाई को लेकर मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने लिखा पुलिस महानिदेशक को पत्र

देहरादून। बिहार के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों द्वारा ज्योतिर्मठ पीठ और शंकराचार्य जी को सोशल मीडिया में बदनाम करने पर मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर विधिक कार्रवाई की मांग की है।

संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थित ज्योतिर्मठ आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में प्रथम मठ है, और बद्रीनाथ धाम के निकट स्थापित होने के कारण ज्योतिर्मठ और पीठ के शंकराचार्य जी का हिंदू धर्मावलंबियों में बहुत मान सम्मान है। पिछले कुछ दिनों से बिहार के दो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों अजीत भारती और रोशन सिन्हा द्वारा ट्विटर प्लेटफार्म पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी के विरुद्ध गलत सन्दर्भों में ट्वीट करके उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ को बदनाम करने का कार्य किया जा रहा है।

मोहित डिमरी ने कहा कि बिहार के इन दो ट्विटर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों अजीत भारती @ajeetbharti और रोशन सिन्हा @MrSinha द्वारा ज्योतिर्मठ पीठ और उसके शंकराचार्य जी को बदनाम करने की सुनयोजित साजिश लगती है, जिससे सनातनधर्मी, हिन्दू धर्मावलंबियों विशेषकर उत्तराखंडियों को बहुत पीड़ा पहुँची है। बद्रीनाथ धाम के निकट स्थित ज्योतिर्मठ और उसके शंकराचार्य जी उत्तराखंडियों के लिए पूजनीय हैं। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जी के खिलाफ गलत मंतव्य से ट्वीट-बयानबाज़ी करने पर उत्तराखंडी बहुत आहत हुए हैं।

उन्होंने ज्योतिर्मठ और शंकराचार्य जी को बदनाम करने वाले इन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के खिलाफ सख्त से सख्त विधिक कार्रवाई की मांग की है।

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