राष्ट्रीय

लालकृष्ण आडवाणी जी को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न की घोषणा का स्वागत। अंगवस्त्र और रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर सम्मानित किया

दिल्ली। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती जी ने भारत के 7 वें उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़े जाने पर उन्हें शुभकामनाएं दी, रूद्राक्ष की माला और रूद्राक्ष का पौधा एवं अंगवस्त्र भेंट करके उनका अभिनन्दन किया।

साथ ही आडवानी जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने तथा हर श्वास पिता के स्वास्थ एवं सेवा को समर्पित करने वाली उनकी बेटी प्रतिभा जी को भी आशीर्वाद दिया। आडवानी जी के दीर्घायु होने की माँ गंगा से प्रार्थना की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माननीय श्री आडवानी जी ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में पार्टी को ही नहीं बल्कि प्रजा और प्रजातंत्र को भी अपनी बुद्धिमानी से सहेज कर रखा और राष्ट्र भक्ति के संदेश को आगे बढ़ाया। मुझे याद है जब आडवानी जी परमार्थ निकेतन में आकर अपनी पुस्तक को अन्तिम स्वरूप प्रदान कर रहे थे, तब बड़ी ही निष्ठा के साथ उन्होंने इदम राष्ट्राय इदम-न-मम के भाव से किताब को पूर्ण किया। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा जीवन अपने राष्ट्र के लिये ही समर्पित है, उन्होंने जो पल जिया वह राष्ट्र के लिये ही जिया।

अक्सर उनका परमार्थ निकेतन आना होता था, तब मैने देखा कि उनका पूरा चिंतन-मंथन, चर्चा, व्यवहार, आचार-विचार सब में राष्ट्र चितंन व राष्ट्र प्रथम का भाव समाहित था। भारत में कमल के खिलने में माननीय आडवानी जी का और आडवानी जी के जीवन को खिले रखने और राष्ट्र को समर्पित रखने के लिये कमला जी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। परिस्थितियां कैसे भी रही हों वे सदैव उनके साथ  रही और उन्हें संबल प्रदान करती रही।

स्वामी जी ने कहा कि श्री लाल कृष्ण आडवानी जी और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दोनों ही विलक्षण हस्तियां हैं जिनका राष्ट्र के विकास में अद्भुत योगदान है। माननीय आडवानी जी ने नब्बे के दशक में श्री राम मन्दिर आन्दोलन का नेतृत्व किया और सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा की अगुवाई की।

माननीय प्रधानमंत्री भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज हम भव्य, दिव्य और नव्य श्री राम मन्दिर के दर्शन कर रहे हैं। जिस तरह वे भारत का विकास और अपनों से बड़ों का सम्मान कर रहे हैं वह उनके विशाल हृदय का द्योतक है।

भेंट मुलकात के बाद पारिवारिक चर्चा में परमार्थ निकेतन यात्रा और अनेक कार्यक्रमों में साथ व्यतीत किये पलों व स्मृतियों का स्मरण किया। स्वामी जी ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में माननीय राष्ट्रपति जी, श्री आडवानी जी और अनेकानेक विशिष्ट अतिथियों के पावन सान्निध्य में इनसाइक्लोपीडिया ऑफ हिंदुइज्म की प्रथम प्रति माननीय राष्ट्रपति जी को जब भेंट की गयी थी उस विशाल कार्यक्रम में आडवानी जी ने कहा था कि इस कार्यक्रम की फलश्रुति परमार्थ निकेतन में होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के बाद ही हो पायेगी अर्थात् गंगा जी की आरती उनके दिल के सदैव अत्यंत निकट रही और आज भी है।

माननीय श्री आडवानी जी और श्रीमती कमला आडवानी जी की वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर एक बार क्विज कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया और उस दौरान पूछा गया कि श्रीमती कमला जी की मनप्रसंद जगह कौन सी है तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से बोला कि परमार्थ निकेेतन व गंगा आरती वह स्थान है जो उनके दिल के अत्यंत निकटवी है। साथ ही उन्होंने अनेक स्मृतियों को याद किया।

स्वामी जी और साध्वी जी ने भारत के ऊर्जावान, यशस्वी, तपस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा भारत रत्न को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने की अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की और माँ गंगा से माननीय आडवानी जी के दीर्घायु व दिव्यायु के लिये भी प्रार्थना की।

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