जम्बू कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद वीर जवानों की शहादत को नमन।
आज की परमार्थ गंगा आरती पांचों शहीद जवानों को समर्पितश
शहीद जवान सूबेदार आनंद सिंह जी, हवलदार कमल सिंह जी, राइफलमैन अनुज नेगी जी, राइफलमैन आदर्श नेगी जी, नायक विनोद सिंह जी और नायब सूबेदार आनंद सिंह जी की याद में किया जायेगा परमार्थ शहीद वाटिका का निर्माण
अहिंसा विश्व भारती और विश्व शान्ति केन्द्र के संस्थापक डॉ आचार्य लोकेश मुनि जी एवं प्रसिद्ध उद्योगपति एवं अमेरिका में प्रभावी व्यक्तित्व श्री अजय जैन भूतोरिया जी पधारे परमार्थ निकेतन
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर उनके पावन सान्निध्य में विश्व शान्ति यज्ञ और विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में सभी विभूतियों ने मौन रखकर शहीदों को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कठुआ, जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह एक कायराना हरकत है जिसमें हमारे राज्य उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गये। पांचों जवानों की शहादत को नमन एवं भावभीनी श्रद्धाजंलि।
अहिंसा विश्व भारती और विश्व शान्ति केन्द्र के संस्थापक डॉ आचार्य लोकेश मुनि जी एवं प्रसिद्ध उद्योगपति एवं अमेरिका में प्रभावी व्यक्तित्व श्री अजय जैन भूतोरिया जी परमार्थ निकेतन आये। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा जी की आरती, यज्ञ में सहभाग किया। सभी ने मौन रखकर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
प्रभु इन पांचों वीर शहिदों की आत्मा को शान्ति प्रदान करे एवं शोक संतप्त परिवारों को यह दुःख सहने की शक्ति व धैर्य प्रदान करे। उन पांचों वीर शहिदों के परिवार वालों के साथ पूरा देश खड़ा हैं। यह समय उत्तराखंड वासियों के लिये अत्यंत वेदना का है और गर्व का भी है। शहीद जवान सूबेदार आनंद सिंह जी, हवलदार कमल सिंह जी, राइफलमैन अनुज नेगी जी, राइफलमैन आदर्श नेगी जी, नायक विनोद सिंह जी और नायब सूबेदार आनंद सिंह जी को परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट से भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि हमारे वीरों ने भारत माता की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। धन्य हैं ये भारत के लाल जो अपनी जान की परवाह न करते हुये अपने वतन के लिये मर मिटते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि सैनिक है तो देश सुरक्षित है, हम सभी सुरक्षित है और हमारी संस्कृति सुरक्षित है। हमारी सीमाओं पर सैनिक हैं तो हमारी सीमायें सुरक्षित है; सैनिक है तो हम हैं, हमारा अस्तित्व है। हमारे सैनिक सियाचिन ग्लेशियर जैसे स्थानों पर रहकर अपने राष्ट्र को सुरक्षित रखते हैं। देश की सीमाओं पर अद्म्य साहस और बहादुरी के साथ वतन की रक्षा के लिये हमेशा तैनात रहते है और दुश्मनों का सामना करते हैं। इन जाबाज़ जवानों की वजह से हमारा तिरंगा लहरा रहा है और लहराते रहेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बार-बार होने वाली ऐसी कायराना हरकतों से पूरे देश में दुःख, घृणा व क्रोध की भावनाओं का ज्वार उमड़ने लगता है। भारत, शान्ति की भाषा बोलने वाला देश हैं परन्तु ऐसी कायराना हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा क्योंकि ऐसी घटनायें हमारी संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन करती हैं।
भारत, आतंकवाद के आघात को झेलता आ रहा है। हमला व आतंक सब विवेकहीन और हिंसक घटनायें हैं, जिससे ने केवल प्राण, जान-माल की गंभीर हानि होती है बल्कि पूरे देश में दहशत का माहौल बन जाता है इसलिये अब हमें आतंकवाद को लेकर एक बेहद गंभीर चिंतन करने की जरूरत है। गश्त लगाते वाहनों पर हमला करना निंदा का विषय है। अब समय आ गया कि हम सभी मतभेदों से ऊपर उठकर मिलकर इन चुनौतियों को परास्त करें।
घाटी में शान्ति की स्थापना के लिये युवाओं को आतंकवाद के चंगुल में फँसने से रोकना होगा। अहिंसा, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहिष्णुता के मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ आंतरिक सामाजिक सामंजस्य हेतु मिलकर कार्य करने की जरूरी है। ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान शान्तिपूर्ण ढंग से नहीं निकाला जा सकता।
स्वामी जी ने कहा कि इन पांचों शहीदों की याद में इस मानसून में पीपल, नीम, वट व रूद्राक्ष के पौधों का रोपण कर परमार्थ शहीद वाटिका का निर्माण किया जायेगा।