ऋषिकेश में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति का कार्यक्रम संपन्न। समिति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को खुली बहस की चुनौती दी थी। लेकिन नहीं आए महेंद्र भट्ट
ऋषिकेश। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा मूल निवास और भू कानून की मांग करने वाले आंदोलनकारियों को माओवादी कहे जाने पर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में उन्हें बहस की खुली चुनौती दी। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मौके पर मौजूद नहीं रहे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा आंदोलनकार्यों को माओवादी कहने वाले बयान पर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को खुली चुनौती देते हुए मूल निवास, भू कानून और माओवाद पर खुली बहस की चुनौती दी थी। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में आयोजित कार्यक्रम में समिति के पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगाने और सार्वजनिक मंच पर माफी मांगने को कहा।
इस मौके पर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मूल निवास और भू कानून के लिए लड़ रहे लाखों मूल निवासियों का अपमान किया है। राज्य आंदोलन के दौरान भी इनकी ही पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने यहां की जनता को अलगाववादी कहा था। भाजपा का चरित्र ही ऐसा है, जो भी अपने अधिकार के लिए लड़ता है, उसे वह उग्रवादी, माओवादी और अलगाववादी कहना शुरू कर देते हैं। आज राष्ट्रीय पार्टियों की जन विरोधी नीतियो के कारण उत्तराखंड की जमीनों पर बाहरी माफिया का कब्जा हो रहा है, और बाहरी माफिया प्रदेश के सभी संसाधनो को लूट रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता पॉवर सुरेंद्र सिंह नेगी, पहाड़ी स्वाभिमान सेना के अध्यक्ष आशीष नेगी, समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल, अनिता कोठियाल, संजय सिलस्वाल, राजेश सिंह, पंकज उनियाल, पंकज पोखरियाल, नितिन उपाध्याय, प्रशांत कांडपाल, यशवंत सिंह ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बहस के लिए चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें आमंत्रित किया गया था। लेकिन आज वह उपस्थित नहीं हुए। उनके अंदर साहस होता तो वह ऋषिकेश पहुँचकर जनता को बताते कि वह माओवादी कैसे ? मूल निवास भू कानून को लेकर उनकी क्या सोच है, वह जनता को सार्वजनिक मंच पर बताएं। उन्होंने यह भी कहा कि मूल निवास और सशक्त भू कानून को लेकर सरकार विशेष सत्र में कानून बनाए।
यूकेडी नेता अनिल डोभाल, कमल कांत, देवेंद्र रावत, विनीत सकलानी, मोहन भंडारी ने कहा कि माओवाद की विचारधारा हिंसात्मक है। लेकिन अभी तक किसी ने भी हिंसा नहीं की। हथियार उठाकर कोई भी आंदोलन नहीं कर रहा है, जनता शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही है।
स्थानीय निवासी अनीता कोटियाल, बिमला बहुगुणा, कहा कि मूल निवास और मजबूत भू कानून के किए उत्तराखंड की जनता एक हो गई है। इसे बांटने वालों के इरादे कभी सफल नहीं होंगे। आज लाखों लोग मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।