सांगुड़ा स्यार में 14 जनवरी को होगा गिन्दी कौथिग
सतपुली। देवप्रयाग सतपुली मोटर मार्ग पर स्थित माँ भुवनेश्वरी मंदिर “सांगुड़ा स्यार” में भैरव-भुवनेश्वरी ध्वज मिलन समारोह “गिन्दी कौथिग” के रूप में रूप में मनाया जाता है। दूर दूर से लोग मेला देखने आते हैं, गेंद मेला पारस्परिक प्रेम को बढ़ाने के लिये भैरव -भुवनेश्वरी ध्वज मिलन समारोह लंगूरपट्टी औऱ मनियारस्यूं पट्टी के बीच महामिलन महोत्सव के रूप मे भी जाना जाता है। जिसमें दोनों पट्टियों के अपने अपने ध्वज होते हैं, क्षेत्रीय भाषा में इन ध्वजों को निशाण कहा जाता है।
लंगूर पट्टी की तरफ से सफेद रंग का ध्वज एवं मनियारस्यूं पट्टी की तरफ से लाल रंग का ध्वज मां भुवनेश्वरी को अर्पित किए जाते हैं।
मां भुवनेश्वरी को ध्वज अर्पित करने की वर्षों पुरानी परम्परा है, जो आज तक विद्यमान है। गेंद मेले की शुरुआत सन् 1669 की मकरसंक्रांति से मानी जाती है, यह भी कहा जाता है कि कुछ कारणों से यह गेंद मेला सन् 1796 से 1839 तक बंद रहा, 1840 की मकर संक्रांति के दिन कुछ प्रबुद्ध जनों के द्वारा मेले को पुनः प्रारंभ किया गया।
आदि शक्ति मां भुवनेश्वरी मंदिर सांगुडा ( दैसण बिलखेत) के पुजारी आचार्य नागेंद्र मोहन शैलवाल ने बताया कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी गेंद मेला 14 जनवरी 2025 मकर सक्रांति के दिन मनाया जाएगा।