डबरालस्यूं पट्टी में फिर से रहस्यमई जानवर (चरक) सक्रिय। गोशाला उजाड़कर पालतू पशुओं को उठाकर ले जा रहा है
15 दिन में 2 बार कर चुका है हमला। एक साल के अंदर एक ही गोशाला को चार बार बनाया निशाना। दूसरी गोशाला से ले गया बछिया
द्वारीखाल। द्वारीखाल ब्लॉक की ग्राम पंचायत अमाल्डू के जल्ठा गाँव में रहस्यमयी अज्ञात जंगली जानवर ने 3 नवम्बर की रात को ढाई बजे के लगभग मदन मोहन उनियाल की गोशाला को उजाड़ दिया। पठालों के गिरने की आवाज सुनकर लोग जाग गये, लोगों के शोर मचाने पर जानवर भाग गया। उस गोशाला में रहने वाले पालतू पशु इतने देर हुए हैं कि किसी को अपने पास नहीं आने दे रहे हैं। यह रहस्यमई जानवर इस गोशाला पर एक साल के अंदर चार बार हमला कर चुका है।
पीड़ित आशादेवी पत्नी मदनमोहन उनियाल ने बताया कि यह जानवर उनकी गोशाला को एक साल में चार बार निशाना बना चुका है। लेकिन वन विभाग द्वारा उनको कोई मुआवजा नहीं मिला। ऐसा कहते हुए पीड़िता आशादेवी की आंखों में आंसू आ गए, उन्होंने रुंधे हुए स्वर में सरकार से मांग की कि हमें पक्की गौशाला बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाय।
इससे पहले रहस्यमयी जानवर ने 16 अक्टूबर की रात को 10 बजे के लगभग जल्ठा गाँव के ही मोहन चन्द्र ममगांई की गोशाला को उजाड़कर एक बछिया को गोशाला से बाहर निकाल दिया। बछिया के चिल्लाने की आवाज सुनकर लोग जाग गये लोगों के शोर मचाने पर वह जानवर बछिया को जंगल की ओर ले गया। सुबह गांव वालों ने बछिया की काफी खोजबीन की लेकिन बछिया का कोई सुराग नहीं मिला।
गांव वाले इस जानवर का नाम चरक बता रहे हैं, लोगों का कहना है कि यह जानवर बाघ और रीछ के मेल से पैदा होता है। जो अत्यधिक ताकतवर होता है, यह जानवर कभी भी दरवाजे नहीं तोड़ता, बल्कि गोशाला के पठाल निकाल कर अंदर घुसता है, और दीवार दौड़कर गाय भैंस आदि को बाहर निकालता है।
गांव की महिलाओं ने बताया कि यह जानवर अपने शिकार को जान से नहीं मारता बल्कि मांस नोचकर खाता है, जिंदा जानवरों की चमड़ी उधेड़ देता है।
रहस्यमई जानवर के आतंक से पूरे क्षेत्र में लोग भयभीत हैं। लोगों का आरोप है कि वन विभाग ने इन घटनाओं पर मौनधारण कर रखा है। अभी तो पालतू जानवरों की जान जा रही है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो कुछ दिनों में इंसान भी इसी तरह रहस्यमई जानवर का शिकार बनेंगे।