युवाओं का जोश और बुजुर्गों का मार्गदर्शन चैलूसैंण में रामलीला सम्पन्न
चैलूसैंण में 35 साल बाद हुआ रामलीला का आयोजन
श्रीराम के राज्याभिषेक, शोभायात्रा और विशाल भंडारे के साथ रामलीला सम्पन्न
द्वारीखाल। एक समय ऐसा आया जब कई गांवों में रामलीला का आयोजन 35 साल पहले बंद हो गया था। लेकिन कोविड के बाद एक बार फिर कई रामलीलाएं फिर से शुरू हो गई हैं। इनमें से एक चैलूसैन बाजार की रामलीला भी है, जिसका आयोजन नागदेव गढ़ी रामलीला कमेटी द्वारा 35 वर्षों के बाद हुआ।
रामलीला मंचन के आयोजक हिमांशु रावत ने बताया कि कुछ युवाओं के मन में विचार आया कि हमें रामलीला का मंचन करना चाहिए। बड़े बुजुर्गों के सहयोग और मार्ग दर्शन से रामलीला का भव्य आयोजन संभव हो पाया। रामलीला जैसे धार्मिक आयोजन होने से युवाओं एवं बच्चों को भारतीय परम्परा एवं संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है। जिसके फलस्वरूप नैतिक गुणों का विकास होता है, भगवान राम हमारी आत्म हैं, उनके आदर्श युगों युगों तक प्रेरणा देते रहेंगे।
कमेटी के अध्यक्ष रवींद्र रावत ने बताया कि पहले चैलूसैंण में भव्य रामलीला का आयोजन होता था, जिसमें स्थानीय लोगों की बड़ी भूमिका होती थी। विषम परिस्थितियों में भी लोग सामूहिक कार्यों को बड़े उल्लास के साथ सम्पन्न करते थे। यह बड़े हर्ष का विषय है कि अब युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों की धरोहर को पुनर्जीवित करने का काम कर रही है। रामलीला मंचन का यह आयोजन आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
रामलीला मंचन के संयोजक सुखदेव सिंह राणा ने कहा कि रामलीला का आयोजन कर समाज में समरसता का वातावरण बनता है, सभी लोगों को एक साथ बैठने और काम करने का अवसर मिलता है। रामलीला मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र को समझने का एक सरल साधन है। जिसमें नाटकीय अंदाज में भगवान के चरित्र का वर्णन किया गया है, यह मनोरंजन के साथ ही मनोमंथन का विषय भी है।
कमेटी के डायरेक्टर बृजमोहन दुदपुड़ी ने कहा कि चैलूसैण बाजार से जुड़े सभी गांवों के कलाकारों का पूरा सहयोग मिला जिसके कारण कार्यक्रम के आयोजन कोई दिक्कत नहीं आई। आने वाले वर्षों में पात्रों के अभिनय में इस साल से अधिक सुधार दिखाई देगा और इससे भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
पात्रों के अभिनय की दर्शकों ने खूब सराहना की और दर्शकों ने पात्रों को दिल खोलकर खूब ईनाम भी दिया। भगवान राम की भूमिका में अरुण डबराल, लक्ष्मण हर्षमोहन डबराल, सीता आइसा दुदपुड़ी, रावण भगवती प्रसाद सुयाल, दशरथ देवेन्द्र बलूनी, हनुमान परमानंद दुदपुड़ी, मेघनाद नवीन नेगी, सूर्पनखा और सुलोचना का अभिनय महेश रावत ने किया।
आज भगवान श्रीराम के राजतिलक के बाद शोभायात्रा निकाली गई तत्पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे के लिए रामभक्त दानवीरों ने बढ़ चढकर दान किया।
रामलीला आयोजन में अजीत भंडारी, परमानंद दुदपुड़ी, मुकेश जुयाल, सूर सिंह बिष्ट, नरेश नैथानी आदि की प्रमुख भूमिका रही।